कृषि बायो विकास(पोटैशियम घुलनशील बैक्टीरिया)
कृषि बायो विकास का कार्य मिट्टी में पाए जानेवाले अघुलनशील पोटाश को घुलनशील अवस्था में परिवर्तित कर पोधो को पोटैशियम के रूप में उपलब्ध करवाना है| पोटेशियम मोबिलाइजिंग बैक्टीरिया मिट्टी में उपलब्ध पोटेशियम को पौधों के मूल क्षेत्र में जुटाने में सक्षम है। पोटेशियम K ) प्रमुख आवश्यक मैक्रोन्यूट्रिएन्ट है। मिट्टी में घुलनशील पोटेशियम की सांद्रता आमतौर पर बहुत कम होती है और मिट्टी में अधिक पोटेशियम अघुलनशील चट्टानों और सिलिकेट खनिजों के रूप में मौजूद होता है।येजीवाणु हार्मोन्स एवं विटामिन्सभी उपलब्ध कराते है| जड़ो में रोग कम लगते हैएवं तना मजबूत होताहै|
लाभान्वित फसले – सभी आर्थिक फसलो के लिए लाभदायी है|
प्रयोग की विधि/ मात्रा
बीजउपचार – 5-10 मिली.कृषि बायो विकास को लेकर1कि.ग्रा बीज में अच्छे से मिलाये, उपचारित बीजो’ को छाया में सुखाकर तुरंत बो दे| बुवाई के आधा घंटा पहले तक छाया
में रखकर सुखाए|
मृदा उपचार – 2 लीटर कृषि बायो विकास को लेकर 150-200कि.ग्राअच्छी तरह से सड़ी / पकी हुई गोबर की खाद में भलीभांति मिलाकर अंतिम जुताई व पहली सिंचाई के पहले एक एकड़ जमीन पर भुरकाव करे|
पोध जड़ उपचार – यह विधि रोपाई वाली फसलो के लिए होती है| 200 मिली.कृषि बायो विकास को 15 लीटर पानी मेंमिलाकर घोल बना ले तथा एक एकड़ के लिए प्रयाप्त पोध जड़ो को 30 मिनिट तक घोल में डुबाकर पोध का रोपण करे|
Shelf life-1 Year
Packaging Size- 250 ml/500ml/1lit